क्या दीद के क़ाबिल तिरे कूचे की ज़मीं है By Sher << क्या है हरजाई हसीनान-ए-जह... कू-ए-जानाँ से जो उठता हूँ... >> क्या दीद के क़ाबिल तिरे कूचे की ज़मीं है हर गाम है नक़्श-ए-क़दम-ए-रह-गुज़री आँख Share on: