कू-ए-जानाँ से जो उठता हूँ तो सो जाते हैं पाँव By नींद, Sher << क्या दीद के क़ाबिल तिरे क... ख़ुद-ब-ख़ुद अपना जनाज़ा ह... >> कू-ए-जानाँ से जो उठता हूँ तो सो जाते हैं पाँव दफ़अ'तन आँखों से पाँव में उतर आती है नींद Share on: