लैलतुल-क़द्र है हर शब उसे हर रोज़ है ईद By Sher << शायद इसी का नाम मोहब्बत ह... ज़रूरत उस की हमें है मगर ... >> लैलतुल-क़द्र है हर शब उसे हर रोज़ है ईद जिस ने मय-ख़ाने में माह-ए-रमज़ाँ देखा है Share on: