शायद इसी का नाम मोहब्बत है 'शेफ़्ता' By Sher << ये मरना जीना भी शायद मजबू... लैलतुल-क़द्र है हर शब उसे... >> शायद इसी का नाम मोहब्बत है 'शेफ़्ता' इक आग सी है सीने के अंदर लगी हुई Share on: