लज़्ज़त-ए-इश्क़ इलाही मिट जाए By Sher << ले चला जान मिरी रूठ के जा... लाख देने का एक देना था >> लज़्ज़त-ए-इश्क़ इलाही मिट जाए दर्द अरमान हुआ जाता है Share on: