लाख देने का एक देना था By Sher << लज़्ज़त-ए-इश्क़ इलाही मिट... क्यूँ वस्ल की शब हाथ लगान... >> लाख देने का एक देना था दिल-ए-बे-मुद्दआ दिया तू ने Share on: