लाख आफ़्ताब पास से हो कर गुज़र गए By Sher << तअल्लुक़ आशिक़ ओ माशूक़ क... इश्क़-बाज़ी बुल-हवस बाज़ी... >> लाख आफ़्ताब पास से हो कर गुज़र गए हम बैठे इंतिज़ार-ए-सहर देखते रहे a million suns have come and gone still i sat waiting watching out for dawn Share on: