ले मेरे तजरबों से सबक़ ऐ मिरे रक़ीब By Sher << मगर गिरफ़्त में आता नहीं ... दहन है तंग शकर और शकर है ... >> ले मेरे तजरबों से सबक़ ऐ मिरे रक़ीब दो-चार साल उम्र में तुझ से बड़ा हूँ मैं Share on: