लिख के रख देता हूँ अल्फ़ाज़ सभी काग़ज़ पर By Sher << ख़िरामाँ ख़िरामाँ मोअत्तर... सफ़ेद-पोशी-ए-दिल का भरम भ... >> लिख के रख देता हूँ अल्फ़ाज़ सभी काग़ज़ पर लफ़्ज़ ख़ुद बोल के तासीर बना लेते हैं Share on: