सफ़ेद-पोशी-ए-दिल का भरम भी रखना है By Sher << लिख के रख देता हूँ अल्फ़ा... सब्ज़ा-ज़ारों की शराफ़त स... >> सफ़ेद-पोशी-ए-दिल का भरम भी रखना है तिरी ख़ुशी के लिए तेरा ग़म भी रखना है Share on: