लिक्खी थी ग़ज़ल ये आगरा में By Sher << माना बुरी ख़बर है प तेरी ... क्या हो गया इसे कि तुझे द... >> लिक्खी थी ग़ज़ल ये आगरा में पहली तारीख़ जनवरी की Share on: