लोबान में चिंगारी जैसे कोई रख जाए By Sher << ये क्या अज़ाब है सब अपने ... ऋषी के फ़ाक़ों से टूटा न ... >> लोबान में चिंगारी जैसे कोई रख जाए यूँ याद तिरी शब भर सीने में सुलगती है Share on: