ये क्या अज़ाब है सब अपने आप में गुम हैं By Sher << कोठे पे चेहरा-ए-पुर-नूर द... लोबान में चिंगारी जैसे को... >> ये क्या अज़ाब है सब अपने आप में गुम हैं ज़बाँ मिली है मगर हम-ज़बाँ नहीं मिलता Share on: