लुटाते हैं वो दौलत हुस्न की बावर नहीं आता By Sher << यूँ तो मुँह देखने की होती... हैराँ हूँ इस क़दर कि शब-ए... >> लुटाते हैं वो दौलत हुस्न की बावर नहीं आता हमें तो एक बोसा भी बड़ी मुश्किल से मिलता है Share on: