लुटेरों के लिए सोती हैं आँखें By Sher << पत्तों को छोड़ देता है अक... दिल वो सहरा है जहाँ हसरत-... >> लुटेरों के लिए सोती हैं आँखें मगर हम अपने अंदर जागते हैं Share on: