महफ़िल में चार चाँद लगाने के बावजूद By Sher << या ख़ुदा दर्द-ए-मोहब्बत म... क्या अदा से आवे है दीवाना... >> महफ़िल में चार चाँद लगाने के बावजूद जब तक न आप आए उजाला न हो सका Share on: