मैं आज सोग मनाना सिखाने वाला हूँ By मोहब्बत, Sher << आता नहीं अदू से यारी मुझे... सैंकड़ों दिलकश बहारें थीं... >> मैं आज सोग मनाना सिखाने वाला हूँ इधर को आएँ जिन्हें महव-ए-यास होना है Share on: