मैं अब तो ऐ जुनूँ तिरे हाथों से तंग हूँ By Sher << इश्क़-विश्क़ ये चाहत-वाहत... जाने क्या सोच के फिर इन क... >> मैं अब तो ऐ जुनूँ तिरे हाथों से तंग हूँ लाऊँ कहाँ से रोज़ गरेबाँ नए नए Share on: