मैं बहुत ख़ुश था कड़ी धूप के सन्नाटे में By याद, धूप, Sher << किसी के एक इशारे में किस ... कुफ़्र-ओ-ईमाँ से है क्या ... >> मैं बहुत ख़ुश था कड़ी धूप के सन्नाटे में क्यूँ तिरी याद का बादल मिरे सर पर आया Share on: