मैं भला हाथ दुआओं को उठाता कैसे By Sher << राह-ए-तलब में दाम-ओ-दिरम ... अक्स-ए-ख़याल-ए-यार सँवारा... >> मैं भला हाथ दुआओं को उठाता कैसे उस ने छोड़ी ही नहीं कोई ज़रूरत बाक़ी Share on: