राह-ए-तलब में दाम-ओ-दिरम छोड़ जाएँगे By Sher << रखते हैं मोहब्बत को तग़ाफ... मैं भला हाथ दुआओं को उठात... >> राह-ए-तलब में दाम-ओ-दिरम छोड़ जाएँगे लिख लो हमारे शेर बड़े काम आएँगे Share on: