मैं दर-ब-दर हूँ अभी अपनी जुस्तुजू में बहुत By Sher << बता तू दिल के बचाने की को... राह-रौ बच के चल दरख़्तों ... >> मैं दर-ब-दर हूँ अभी अपनी जुस्तुजू में बहुत मैं अपने लहजे को अंदाज़ दे रहा हूँ अभी Share on: