राह-रौ बच के चल दरख़्तों से By Sher << मैं दर-ब-दर हूँ अभी अपनी ... हिज्र में इतना ख़सारा तो ... >> राह-रौ बच के चल दरख़्तों से धूप दुश्मन नहीं है साए हैं Share on: