मैं फ़ैसले की घड़ी से गुज़र चुकी हूँ मगर By Sher << मैं जुदाई का मुक़र्रर सिल... हवा की ज़द में पत्ते की त... >> मैं फ़ैसले की घड़ी से गुज़र चुकी हूँ मगर किसी का दीदा-ए-हैराँ मिरी तलाश में है Share on: