मैं इसी मिट्टी से उट्ठा था बगूले की तरह By Sher << हक़ ने तुझ को इक ज़बाँ दी... मैं ने चाहा था कि अश्कों ... >> मैं इसी मिट्टी से उट्ठा था बगूले की तरह और फिर इक दिन इसी मिट्टी में मिट्टी मिल गई Share on: