मैं जानता हूँ मकीनों की ख़ामुशी का सबब By Sher << तेरा कूचा है वो ऐ बुत कि ... अहल-ए-नसीहत जितने हैं हाँ... >> मैं जानता हूँ मकीनों की ख़ामुशी का सबब मकाँ से पहले दर-ओ-बाम से मिला हूँ मैं Share on: