तेरा कूचा है वो ऐ बुत कि हज़ारों ज़ाहिद By Sher << ओ जाने वाले आ कि तिरे इंत... मैं जानता हूँ मकीनों की ख... >> तेरा कूचा है वो ऐ बुत कि हज़ारों ज़ाहिद डाल के सुब्हा में याँ रिश्ता-ए-ज़ुन्नार चले Share on: