मैं ख़ानक़ाह-ए-बदन से उदास लौट आया By Sher << किया ख़ाक आतिश-ए-इश्क़ ने... 'सौदा' की जो बाली... >> मैं ख़ानक़ाह-ए-बदन से उदास लौट आया यहाँ भी चाहने वालों में ख़ाक बटती है Share on: