मैं किसी के दस्त-ए-तलब में हूँ तो किसी के हर्फ़-ए-दुआ में हूँ By Sher << थोड़ी थोड़ी राह में पी ले... ऐ फ़लक किस ने कहा था तुझे... >> मैं किसी के दस्त-ए-तलब में हूँ तो किसी के हर्फ़-ए-दुआ में हूँ मैं नसीब हूँ किसी और का मुझे माँगता कोई और है i am in someone's outstretched hand, and in someone's prayer prayer i be i am someone's destiny but someone else does ask for me Share on: