मैं ने हाथों से बुझाई है दहकती हुई आग By Sher << तुम्हारी आस की चादर से मु... मौसम-ए-गुल है बादल छाए खन... >> मैं ने हाथों से बुझाई है दहकती हुई आग अपने बच्चे के खिलौने को बचाने के लिए Share on: