मौसम-ए-गुल है बादल छाए खनक रहे हैं पैमाने By Sher << मैं ने हाथों से बुझाई है ... ये चार दिन की रिफ़ाक़त भी... >> मौसम-ए-गुल है बादल छाए खनक रहे हैं पैमाने कैसी तौबा, तौबा तौबा, तौबा नज़्र-ए-जाम करो Share on: