मैं ने इबादतों को मोहब्बत बना दिया By Sher << हर साल की आख़िरी शामों मे... कुछ ऐसी पिला दे मुझे ऐ पी... >> मैं ने इबादतों को मोहब्बत बना दिया आँखें बुतों के साथ रहीं दिल ख़ुदा के साथ Share on: