कुछ ऐसी पिला दे मुझे ऐ पीर-ए-मुग़ाँ आज By Sher << मैं ने इबादतों को मोहब्बत... हज़ारों चाँद सितारे चमक ग... >> कुछ ऐसी पिला दे मुझे ऐ पीर-ए-मुग़ाँ आज क़ैंची की तरह चलने लगी मेरी ज़बाँ आज Share on: