मैं रात टूट के रोया तो चैन से सोया By Sher << फ़ाएदा क्या सोच आख़िर तू ... काबे में हम ने जा के कुछ ... >> मैं रात टूट के रोया तो चैन से सोया कि दिल का ज़हर मिरी चश्म-ए-तर से निकला था Share on: