फ़ाएदा क्या सोच आख़िर तू भी दाना है 'असद' By Sher << क्या हुए सूरत-निगाराँ ख़्... मैं रात टूट के रोया तो चै... >> फ़ाएदा क्या सोच आख़िर तू भी दाना है 'असद' दोस्ती नादाँ की है जी का ज़ियाँ हो जाएगा Share on: