मैं सच तो बोलता हूँ मगर ऐ ख़ुदा-ए-हर्फ़ By Sher << मैं सोचता हूँ इस लिए शायद... मैं कुछ न कहूँ और ये चाहू... >> मैं सच तो बोलता हूँ मगर ऐ ख़ुदा-ए-हर्फ़ तू जिस में सोचता है मुझे वो ज़बान दे Share on: