मैं सोचता हूँ मगर याद कुछ नहीं आता By Sher << ये वो मौसम है जिस में कोई... जो गुज़ारी न जा सकी हम से >> मैं सोचता हूँ मगर याद कुछ नहीं आता कि इख़्तिताम कहाँ ख़्वाब के सफ़र का हुआ Share on: