मैं तर्क-ए-तअल्लुक़ पे भी आमादा हूँ लेकिन By Sher << मकीं यहीं का है लेकिन मका... मैं फिर इक ख़त तिरे आँगन ... >> मैं तर्क-ए-तअल्लुक़ पे भी आमादा हूँ लेकिन तू भी तो मिरा क़र्ज़-ए-ग़म-ए-हिज्र अदा कर Share on: