मैं तिरे हिज्र से निकलूँगा तो मर जाऊँगा By Sher << मसअला ख़त्म हुआ चाहता है नाहीद ओ क़मर ने रातों के ... >> मैं तिरे हिज्र से निकलूँगा तो मर जाऊँगा हाए वो लोग जो मेहवर से निकल जाते हैं Share on: