मैं तो अपनी जान पे खेल के प्यार की बाज़ी जीत गया By Sher << ज़ख़्म कारी बहुत लगा दिल ... दुश्मनों को दोस्त भाई को ... >> मैं तो अपनी जान पे खेल के प्यार की बाज़ी जीत गया क़ातिल हार गए जो अब तक ख़ून के छींटे धोते हैं Share on: