मैं तुझे भूल न पाया तो ये चाहत है मिरी By Sher << फ़ितरत में आदमी की है मुब... हम तुम में कल दूरी भी हो ... >> मैं तुझे भूल न पाया तो ये चाहत है मिरी याद रक्खा है जो तू ने तिरा एहसाँ जानाँ Share on: