मैं उन मुसाफ़िरों में हूँ इस चश्म-ए-तर के हाथ By Sher << मैं वो गर्दन-ज़दनी हूँ कि... मैं तुझ को याद करता हूँ इ... >> मैं उन मुसाफ़िरों में हूँ इस चश्म-ए-तर के हाथ घर से निकल के हो जिसे बरसात राह में Share on: