मैं उस की अंखों में ऐसे डूबी By Sher << ये दुनिया है यहाँ हर आबगी... छत की कड़ियों से उतरते है... >> मैं उस की अंखों में ऐसे डूबी कि डूबा कोई चनाब में है Share on: