मज़मून-ए-सर्द-मेहरी-ए-जानाँ रक़म करूँ By Sher << ले उड़ी तुझ को निगाह-ए-शौ... पड़ जाएँ मिरे जिस्म पे ला... >> मज़मून-ए-सर्द-मेहरी-ए-जानाँ रक़म करूँ गर हाथ आए काग़ज़-ए-कश्मीर का वरक़ Share on: