'मजरूह' लिख रहे हैं वो अहल-ए-वफ़ा का नाम By Sher << कब तक यक़ीन इश्क़ हमें ख़... पीरी हुई शबाब से उतरा झटक... >> 'मजरूह' लिख रहे हैं वो अहल-ए-वफ़ा का नाम हम भी खड़े हुए हैं गुनहगार की तरह Share on: