माख़ूज़ होगे शैख़-ए-रिया-कार रोज़-ए-हश्र By Sher << मत हलाक इतना करो मुझ को म... मैं 'हसरत' मुज्तह... >> माख़ूज़ होगे शैख़-ए-रिया-कार रोज़-ए-हश्र पढ़ते हो तुम अज़ाब की आयात बे-तरह Share on: