माँगने पर क्या न देगा ताक़त-ए-सब्र-ओ-सुकून By Sher << मर्ग-ए-आशिक़ पे फ़रिश्ता ... मैं तिनके चुनता फिरता हूँ... >> माँगने पर क्या न देगा ताक़त-ए-सब्र-ओ-सुकून जिस ने बे माँगे अता कर दी परेशानी मुझे Share on: