मसाफ़-ए-जीस्त में वो रन पड़ा है आज के दिन By Sher << कभी लौट आया मैं दश्त से त... नहीं आसमाँ तिरी चाल में न... >> मसाफ़-ए-जीस्त में वो रन पड़ा है आज के दिन न मैं तुम्हारी तमन्ना हूँ और न तुम मेरे Share on: