माशूक़ से भी हम ने निभाई बराबरी By Sher << देख कर का'बे को ख़ाली... पौ फटते ही 'रियाज़... >> माशूक़ से भी हम ने निभाई बराबरी वाँ लुत्फ़ कम हुआ तो यहाँ प्यार कम हुआ Share on: