मस्जिद तो बना दी शब भर में ईमाँ की हरारत वालों ने By Sher << वो चेहरा मुझे साफ़ दिखाई ... ख़याल जिस का था मुझे ख़या... >> मस्जिद तो बना दी शब भर में ईमाँ की हरारत वालों ने मन अपना पुराना पापी है बरसों में नमाज़ी बन न सका Share on: